उनके पोते और पोतियो ने सजे-सजाए घर को तहस-नहस कर दिया। घर को काफी नुकसान हुआ, परंतु दादा और दादी इसे देखकर खुश हो रहे थे। दादा और दादी उजड़ते घर को देखकर क्यों खुश हो रहे थे?
दादा और दादी ने सचमुच ईंट और सीमेंट का घर नहीं बनाया था। उन्होंने बच्चों के खेलने के लिए ताश के पत्तों, गीजर ब्रेड या मिठाइयों का एक छोटा सा घर बनाया था, जिससे बच्चे खा रहे थे और उजाड़ रहे थे।
इन सब को देखकर दादा और दादी बहुत ही खुश हो रहे थे।
✅ सिर्फ भौतिक संपत्ति (जैसे घर, गाड़ी) संपूर्ण खुशी नहीं देती, असली खुशी अपनों के साथ बिताए गए पलों में होती है।
✅ जिस तरह घर टूटने के बाद भी नया बनाया जा सकता है, वैसे ही परिवर्तन को स्वीकार करना चाहिए। जब तक जीवन में हलचल और ऊर्जा रहेगी, तब तक विकास होगा।
✅ हमें समझना चाहिए कि जीवन में चीजें आएंगी और जाएंगी, लेकिन रिश्ते और यादें बनी रहेंगी।
✅ संतोष और सकारात्मक दृष्टिकोण से हर परिस्थिति को आनंद में बदला जा सकता है।
✅ आपको यह पहली कैसी लगी? कमेंट करके बताइए और अपने दोस्तों और परिवार के साथ शेयर भी कीजिए।
✅ क्या आप इस पहेली को पढ़कर उत्तर देने में सफल हुए। अगर हां तो हमें कमेंट करके बताइए।
✅ अगर इस पहेली का दूसरा अन्य कोई और जवाब भी हो सकता है तो कमेंट करिए। हम उसकी जांच करके अपने ब्लॉग पर प्रकाशित करने का प्रयास करेंगे।
0 Comments