यदि आपके पास केवल एक माचिस की तिल्ली है, तो सबसे पहले आपको 'माचिस की तीली' जलानी होगी। इसके बाद, आप किसी भी एक स्टोव को आग लगा सकते हैं।
यह Dimagi पहेली हमें ऊर्जा के स्थानांतरण, दहन प्रक्रिया और तर्कशील सोच के बारे में समझाता है। साथ ही, यह हमें यह भी सिखाता है कि किसी कार्य को सही क्रम में करना आवश्यक होता है, अन्यथा परिणाम प्राप्त नहीं होंगे।
✅ पहली माचिस – 1826 में, एक ब्रिटिश वैज्ञानिक जॉन वॉकर (John Walker) ने गलती से माचिस की खोज की, जब उन्होंने कुछ रसायनों को मिलाकर हिलाया और उसने आग पकड़ ली।
✅ फास्फोरस का जादू – माचिस की तिल्ली के सिरों में लाल फास्फोरस और पोटैशियम क्लोरेट जैसे रसायन होते हैं, जो घर्षण से जलते हैं।
✅ पहली सुरक्षित माचिस – 1844 में गुस्ताफ एरिक पस्च (Gustaf Erik Pasch) ने "सेफ्टी माचिस" का आविष्कार किया, जिसमें लाल फास्फोरस को माचिस की तिल्ली के बजाय साइड स्ट्राइकर पर रखा गया, जिससे आकस्मिक जलने का खतरा कम हुआ।
✅ माचिस जलने का विज्ञान – जब तिल्ली को रगड़ा जाता है, तो घर्षण से उत्पन्न ऊष्मा रासायनिक प्रतिक्रिया को सक्रिय कर देती है, जिससे आग जल उठती है।
✅ गर्म हवा में जल्दी जलती है – माचिस ठंडी और नम जगहों पर धीरे जलती है, जबकि गर्म और शुष्क वातावरण में जल्दी भड़कती है।
✅ माचिस और सुरक्षा – आग के कारणों में माचिस एक बड़ा कारक रही है, इसलिए इसे बच्चों की पहुंच से दूर रखने की सलाह दी जाती है।
✅ पर्यावरण के लिए बेहतर – आधुनिक माचिसों में जहरीले सफेद फास्फोरस का इस्तेमाल नहीं होता, जिससे वे पर्यावरण के लिए सुरक्षित होती हैं।
✅ सबसे बड़ी माचिस की तिल्ली – दुनिया की सबसे बड़ी माचिस 6 फीट लंबी है, जिसे गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया गया है।
✅ सबसे छोटा लाइटर से मुकाबला – माचिस के आविष्कार के बाद भी, लाइटर का उपयोग बढ़ा, लेकिन माचिस आज भी ग्रामीण क्षेत्रों और विशेष परिस्थितियों में उपयोग की जाती है।
✅ फायर स्टार्टर्स का हिस्सा – कैंपिंग और जंगल में सर्वाइवल के लिए, माचिस को वाटरप्रूफ बनाकर उपयोग किया जाता है।
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